आईसीएम, देहरादून की शुभकामनाएं एवम् अभिवादन !

1965 में स्थापित, सहकारी प्रबंधन संस्थान (आईसीएम), देहरादून, सहकारी संस्थानों के मध्य स्तर के प्रबंधकों और सहकारी और संबद्ध विभागों के अधिकारियों के लिए एक सेवाकालीन प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य कर रहा है । विगत वर्षों में, ICM सहकारी संगठनों, सरकारी विभागों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य संस्थानों के लिए प्रशिक्षण, शिक्षा, अनुसंधान और परामर्श सेवाओं के लिए राज्य में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप कार्य कर रहा है ।

2006 में, ICM ने AICTE द्वारा मान्यता प्राप्त और वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, देहरादून से संबद्ध एमबीए प्रोग्राम शुरू किया । तत्पश्चात, वर्ष 2011 में श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय, टिहरी गढ़वाल से संबद्ध बीबीए कार्यक्रम की शुरुआत की गई ।

उत्तराखंड, अपने 13 जिलों के साथ, विभिन्न प्रकार की सहकारी समितियों की मेजबानी करता है, जिनमें कृषि, डेयरी, मत्स्य पालन, आवास और पर्यटन पर केंद्रित समितियां शामिल हैं । आईसीएम सहकारी विभाग, नाबार्ड, पुनर्वास महानिदेशालय (डीजीआर), सेबी और अन्य सहित विभिन्न क्षेत्रों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करता है ।

संस्थान प्रशिक्षण और शिक्षा कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है, जिसमें डीजीआर के लिए प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम, निजी छात्रों के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रम एमबीए, बीबीए,डब्ल्यूडीआरए, साइबर सुरक्षा एवम् सॉफ्टवेयर सुरक्षा जैसे विषयों को शामिल करने वाले अल्पकालिक कार्यक्रम शामिल हैं ।

वर्ष 2023-24 में, ICM ने अपने विभिन्न कार्यक्रमों में कुल 5779 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया । संस्थान का लक्ष्य वर्ष  2024-25 में कुल 3030 प्रतिभागियों को लक्षित करते हुए 85 कार्यक्रम आयोजित करने का है ।

मसूरी की तलहटी में बसे अपने हरे-भरे परिसर के साथ, आईसीएम सीखने और विकास के लिए एक आदर्श वातावरण प्रदान करता है। विभिन्न विभागों, संस्थानों और ग्रामीण संगठनों के साथ संस्थान का सकारात्मक तालमेल सहकारी आंदोलन और ग्रामीण विकास को आगे बढ़ाने में इसकी निरंतर सफलता सुनिश्चित करता है ।

आईसीएम, देहरादून अपने हितधारकों की उभरती एवम् बहु-आयामी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए लगातार विकसित होते हुए गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, शिक्षा और परामर्श सेवाएं प्रदान करने के अपने मिशन के लिए प्रतिबद्ध है ।

Registration Form

  
HDCM Course   Forms
Notice for the HDCM Course   Forms
Notice for the DHCM Course   Forms
DICM Course   Forms

Greetings from ICM, Dehradun

Established in 1965, the Institute of Cooperative Management (ICM), Dehradun, serves as an in-service training centre for middle-level managers of Cooperative Institutions and Officers of cooperative and allied departments. Over the years, ICM has evolved to become a crucial hub for training, education, research, and consultancy services for cooperative organizations, government departments, NGOs, and other institutions.

In 2006, ICM initiated an MBA program accredited by AICTE and affiliated with Veer Madho Singh Bhandari Uttarakhand Technical University, Dehradun. This was followed by the introduction of a BBA program in 2011, affiliated with Sri Dev Suman Uttarakhand University, Tehri Garhwal.

Uttarakhand, with its 13 districts, hosts a diverse range of cooperative societies, including those focused on agriculture, dairy, fisheries, housing, and tourism. ICM caters to the training needs of various sectors, including the Cooperative Department, NABARD, Directorate General of Resettlement (DGR), SEBI, and more.

The institute offers a wide array of training and education programs, including certificate courses for DGR, professional courses for private students (MBA, BBA), and short-term programs covering topics such as WDRA, Cyber Security, and Software Security.

In the year 2023-24, ICM trained a total of 5779 participants across its various programs. Looking ahead, the institute aims to conduct 85 programs in 2024-25, targeting a total of 3030 participants.

With its lush green campus nestled in the foothills of Mussoorie, ICM provides an ideal environment for learning and growth. The institute’s positive rapport with various departments, institutions, and rural organizations ensures its continued success in advancing the cooperative movement and rural development.

ICM, Dehradun, remains committed to its mission of providing quality training, education, and consultancy services, while continuously evolving to meet the emerging needs of its stakeholders.

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